SIM CARD: आज के समय में लगभग सभी के पास आपको मोबाइल फोन होते ही हैं। हर किसी को इसका इस्तेमाल करना आता हीं है। मोबाइल फोन में सबसे जरुरी जो चीज है वो है SIM CARD जिसके मदद से आप बात कर सकते हैं, मैसेज भेज सकते हैं और इंटरनेट का इस्तेमाल कर वीडियो कॉल, ईमेल सोशल मीडिया और अन्य जरूरी काम कर सकते हैं। एक नई रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा मोबाइल इस्तेमाल करने के मामले में भारतीय पूरी दुनिया में तीसरे नंबर पर हैं। Image source-google
सिम कार्ड को हर कोई जानता है कि ये क्या है और ये किस काम आता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये सिम कार्ड बनता कैसे है, और काम करता कैसे है? 95% लोग इसके बारे में नहीं जानते होंगे। आइए जानते हैं सिम कार्ड के बारे में की ये बनता कैसे है और काम कैसे करता है?
Image source-google
SIM CARD क्या है और कैसे काम करता है: इसका पूरा नाम है सब्स्क्राइबर आइडेंटिटी मॉड्यूल। यह एक छोटी इलेक्ट्रॉनिक चिप है। इसमें एक माइक्रो चिप लगी होती है। सिम कार्ड में डाटा को स्टोर करने के लिए ICCID का इस्तेमाल करते हैं जिसमें 18 से 22 डिजिट का कोड होता है। जो की हर एक सिम कार्ड में अलग अलग होता है। साथ ही साथ सिम कार्ड में एक सिक्योरिटी पिन भी होता है, जिसे मोबाइल फोन में लगाने पर एक्टिवेट होता है। Image source-google
मोबाइल फोन में दो तरह के सिम कार्ड का इस्तेमाल होता है। पहला GSM और दूसरा CDMA । GSM टेक्नोलॉजी का मतलब है ग्लोबल सिस्टम फॉर मोबाइल और इसे सबसे पहले 1970 में बनाया गया था। जहां पर यह पहली बार बना था उस लेबोरेटरी को bell लेबोरेटरी के नाम से जानते थे। सबसे ज्यादा इस्तेमाल GSM टेक्नोलॉजी का ही होता है। इस सिम कार्ड का इस्तेमाल किसी भी मोबाइल फोन में कर सकते हैं। Image source-google
CDMA यानी कोड डिवीजन मल्टीपल एक्सेस, इसमें मोबाइल फोन इस्तेमाल करने के लिए सिम कार्ड की जरुरत नहीं पड़ती है। बल्कि यह स्मार्टफोन के इलेक्ट्रॉनिक सीरियल नंबर पर काम करता है। लेकिन इसके साथ लिमिटेसन होता है। जिसके चलते यह उतना ज्यादा पॉपुलर नहीं हुआ।
SIM CARD कैसे काम करता है:
इसे मोबाइल फोन में लगाने के बाद यह मोबाइल से नजदीक के कोई GSM नेटवर्क को सर्च करता है। नेटवर्क आने के बाद आप कॉल, मैसेज या इन्टरनेट एक्सेस कर सकते हैं। जब भी हम अपने मोबाइल फोन से किसी अन्य नंबर पर कॉल करते हैं तो वह अपने नजदीकी मोबाइल टावर से उस नंबर को ट्रेस कर पहचानता है। और आपका कॉल उस नंबर को इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति से बात करवाता है।
Image source-google
SIM CARD कैसे बनता है: सिम कार्ड बनाने के लिए सबसे पहले मशीन की प्रोग्रामिंग को फिक्स किया जाता है। उसके बाद प्रेस बटन दबाकर इसे स्टार्ट करना होता है। उसके बाद मशीन पर गोल्डेन चिप बेल्ट जिसमें सिलिकॉन का इस्तेमाल किया जाता है उसे कनवेयर बेल्ट पर रखा जाता है।
उसके बाद CNC शेप मशीन की मदद से जिस कम्पनी की सिम कार्ड होती है उस कंपनी का कार्ड रखकर ऑटोमैटिक मशीन में सिम बेल्ट की मदद से चार सिम कार्ड को एक साथ निकाला जाता है। अन्त में पंचिंग मशीन का इस्तेमाल कर इसे सिम कार्ड के शेप में निकाला जाता है।
Image source-google
इन सबों के बाद इसे पैकिंग के लिए दूसरे डिपार्टमेंट में भेज दिया जाता है। जब यह पैक हो जाता है तो इसे मार्केट में आम ग्राहकों के लिए चला जाता है।
SIM CARD के प्रकार: सिम कार्ड कितने प्रकार के होते हैं। सिम के साइज में समय के साथ बदलाव आया और आज के सिम कार्ड को नैनो सिम कार्ड बोला जाता है। लेकिन हमेशा से ऐसा नहीं था जब 1991 में इसे पहली बार जर्मनी में बनाया गया था तो इसका साइज बड़ा था और इसे फुल साइज बोला जाता था। Image source-google
दी गई जानकारी आपको कैसी लगी कॉमेंट करके बताएं अच्छी लगी तो तुरंत शेयर करें।